Paarsi New Year in Hindi 

पारसी नया साल 






पारसी नया साल को नवरोज़ भी कहा जाता है। पारसी नया साल इसलिए मनाया जाता है क्योंकि ये ईरानियन कैलेंडर की शुरुआत को बताता है। पारसी नया साल 16 अगस्त को मनाया जाता है। यहाँ नवरोज़ में नाव का मतलब है नया ओर रोज़ का मतलब है डे मतलब नया दिन ये दिन परंपरागत रूप में मनाया जाता है ओर ये लगभग 3000 साल पहले शुरू किया गया था। ये दिन ईरानियन लोग ओर पारसी कम्युनिटी और महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों द्वारा मनाया जाता है।




पारसी नया  साल जश्न के लिए  नही बल्कि दयालुता और धीरज के लिए मनाया जाता है।ये दिन हमे बताता है कि हमे अपने शरीर और दिमाग को साफ रखना चाहिए और लोहोम को समृद्धि के लये प्रार्थना करनी चाहिए।नवरोज़ के दिन परंपरागत अत्तिरे पहनते हैं और आग मंदिर जाते हैं।यह पर लोग चमेली का फूल और सन्दोल की लकड़ी और दूध चढ़ाते हैं। इस दिन लोग प्रार्थना करते हैं,अपने दोस्तों,ओर रिश्ते दरों के घर जाते हैं और पुन्य दान करते करते हैं। इस दिन लोग अपने घरों को रंगोली,फूलों और दीपकों के साथ अपने घरों को सजाते हैं और स्वादिष्ट खाना बनाते हैं जैसे धमचक,फरचा,बेरी पुलाओ,पातरा नु माची और साली बोटी आदि।इस दिन क्षेत्रीये दिवस की छुट्टी होती जाती है।महाराष्ट्र और गुजरात मे पारसी समुदाय ने बहुत खास भूमिका निभाई है। भारत के विकास में पारसी नए साल वाले दिन सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं।और सारे सोशल मीडिया पर पारसी नए साल की ही बात होती है। भारत के भी कई प्रसिध्द वयक्ति भी इस दिन टवीटर पर बधाई देते हैं।