सैनी जाति का रहस्य 

All about Saini caste


 सैनी एक उत्तर भारत की कास्ट है। और सैनी परंपरागत जमीनदार और किसान होते हैं। सैनी ये मानते हैं की वो राजाओं के वंशज थे। सैनी समुदाय के लोगों को सरकारी नोकरियाँ आसानी से  मिल जाती है और इस समुदाय के लोगों के बच्चों की स्कूल की फीस में भी छूट मिलती है अगर उनका बैकवर्ड क्लास (Backword Class) यानी BC का प्रमाणपत्र बना हो तो उन्हें ये फायदे होते हैं। ये छूट कुछ ही राज्यों में ही दी जाती है जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश। ज्यादातर सैनी लोग खेती करते हैं या फिर मिलिट्री में होते हैं। भारत की आजादी के बाद से सैनी ट्रेड्स और व्यवसाय में विविध थे। और ये मिलिट्री और खेती से अलग थे। अब सैनियों की आबादी बढ़ गयी है। और अब सैनी डॉक्टर, वकील , पुलिस, इंजीनयर, बिजनेसमैन भी बन रहे हैं। सैनियों का एक राष्ट्रीय संगठन है जिस को सैनी राजपूत महासभा भी कहा जाता है। और ये दिल्ली में स्थित है और इसकी स्थापना 1920 में हुई थी। जो जलंधर और होशियापुर के सैनी थे वो ये मानते हैं की वो राजपूतों के वंशज थे। पहले के समय मे सैनी बहुत अमीर थे। जो  सैनी जमींदार थे उनको जैलदार और राज्यों में राजस्व संग्रहकर्ता का पद दिया जाता थी। परम्परागत सैनियों ने वैदिक समारोह से शादी की थी जिसका प्रदर्शन ब्राम्हण की संतानों द्वारा किया जाता था। और जो सिख सैनी थे उनकी शादी आनंद करज रितुल के द्वारा हुई थी। सैनी आमतौर पर गांवों में रहते हैं। सैनी समुदाय एक अंतर्विवाही समुदाय है।